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Sunday, October 16, 2011

Fwd: महादलित के तर्ज पर महासवर्ण की तैयारी



---------- Forwarded message ----------
From: nawal kumar <nawal.buildindia@gmail.com>
Date: 2011/10/16
Subject: महादलित के तर्ज पर महासवर्ण की तैयारी
To: secy@prdbihar.org


respected sir,

please read this report only on www.apnabihar.org

with regards,

nawal
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फ़ेसबुक पर मोदी की बोलती बंद * विशेष रिपोर्ट – महादलित के तर्ज पर महासवर्ण की तैयारी, हरकत में आया सवर्ण आयोग * शिखर पर पहूंचा बिहार का विकास
Text Box: आईये हम सब मिलकर अपने बिहार को विकसित बिहार बनायें।

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खबरें बिहार के सतत विकास की

Text Box: Special  Reports

क्या राष्ट्रपति के रुप में राजेंद्र बाबू ने तोड़ी थी पद की मर्यादा?

पूरी रिपोर्ट पढने के लिये यहां क्लिक करें

बिहार में अपराध

अपना बिहार और राज्य में प्रकाशित विभिन्न अखबारों में प्रकाशित खबरों के अनुसार कल दिनांक14 अक्टूबर सितम्बर  2011 को घटित घटनाओं की संख्या

 

 

 

Text Box: रविवार, 16 अक्तूबर 2011 Text Box: Your Ad Here

फ़ेसबुक पर मोदी की बोलती बंद

पटना (अपना बिहार, 15 अक्टूबर 2011) – जी हां, फ़ेसबुक पर सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की बोलती बंद हो गई है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चहुंओर हो रही आलोचना के मद्देनजर श्री मोदी ने अपना फ़ेसबुक अकाऊंट बंद कर दिया है।

आज की खबरें

· विशेष रिपोर्ट – महादलित के तर्ज पर महासवर्ण की तैयारी, हरकत में आया सवर्ण आयोग

· शिखर पर पहूंचा बिहार का विकास

· हाय रे गरीबी - बेटे के लिये बेटी को गिरवी रखा

· बेहतरी के लिये मानव संसाधन विकास ही जरुरी – पी के शाही

· अपने हक के लिये आगे बढे पिछड़ा समाज – वृषिण पटेल

· मसौढी में बोधगया के भाजपा विधायक की दादागिरी, जनता ने सिखाया सबक

· अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रही नीतीश सरकार – तारिक अनवर

· ठेकेदार हत्याकांड में पुलिस मल रही हाथ

· झारखंड में अपने बूते भाग्य आजमायेगी लोजपा

· पटना में छठ की तैयारी जोरों पर

· सतना के पत्रकारों की ईमानदारी से निकला आडवाणी का दम

· राजधानी में सरकारी दफ़्तर में घुसकर ठेकेदार की दिनदहाड़े हत्या

· सूबे में नये सिरे से लागू होंगी भूमि सुधार की अनुशंसायें

· चीनी, कपड़ा और तंबाकू पर लगेगा 4-5 प्रतिशत अतिरिक्त कर

· मोतिहारी में आईएसआई एजेंट धराया

· मुसलमानों के जख्म को कुरेद गये एम जे अकबर

· नये मोड़ पर पहूंची अलीगढ मुस्लिम विवि की लड़ाई

· सुशासन बाबू के दुलरुआ से नाराज हुए ड्राइवर और खलासी

· खबरों के साथ नाइंसाफ़ी करने वाले अखबारों के संपादकों के नाम

· आयकर गोलंबर पर दिखा सुशासन, बाप के सामने ही बेटी को छेड़ा, विरोध करने पर जमकर पीटा

· दरौंदा में हुआ 44 फ़ीसदी मतदान

· सुप्रीम कोर्ट ने खोला ट्रेंड शिक्षकों के भाग्य का पिटारा

· कुलपतियों सहित आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ़ वारंट

· लालू को पवित्र कर देगा समाज – सी पी ठाकुर

· सीएम की बहन के आगमन से चकाचक हुआ पीएमसीएच

· कहलगांव की तीन यूनिटें चालू

· मंडल आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने की मांग

· पोटली वाले बाबा ............

· किशनगंज में ए एम यू की स्थापना को लेकर रेल-सड़क यातायात ठप्प

· काले धन मामले में श्वेत पत्र जारी करे सरकार-आडवाणी

· कोइलवर पुल ने रोका आडवाणी का रास्ता

· गैस के रिसाव की वजह से बीमार हुई थीं सुषमा स्वराज

· आडवाणी की भव्य स्वागत की सच्चाई

· मोहनियां में गिरफ़्तार किये गये आडवाणी की रथयात्रा का विरोध करने वाले

· भाजपा बताये कहां से आये करोड़ों रुपये – रामविलास

· लालू के चेले ने ही उड़ाई लालू की खिल्ली

· धूमधाम से मनाया गया लोहिया का जन्मदिन

 विशेष रिपोर्ट

भ्रष्टाचार की नई मिसाल

नीतीश मेहरबान तो गोपा बनीं पहलवान

स्थापना के पहले ही नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में मची है करोड़ों की लूट

अपनी बात - खतरे में है प्रेस की आजादी, कहिये आल इज वेल

· बिहार में भ्रष्टाचार उन्मूलन यानी खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा 40 करोड़ रुपये का

· नगर विकास एवं आवास विभाग में जारी है एक महाघोटाला

· सीधी बात – बिहार को चीन बनाने के लिये आपको माओवादी बनना होगा नीतीश जी

· बिहार के विकास के सारथि- The changing agents of Bihar

· नवल की बतकही – बिहार से गरीबी दूर करने के सात अचूक उपाय

· सम्पूर्ण क्रांति की कहानी, तीन दोस्तों की जुबानी

· छोटे राजा की मजबूरी और चालाकी

· 21वीं सदी में पहली बार बिहार में आया भूकंप, 7 मरे, दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त

· निकम्मा साबित हुआ बिहार का मौसम विभाग

· नीतीश ने खायी कसम, दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार

· नरेंद्र मोदी को मिला बिहारी नेताओं का साथ

· मेरा निलंबन असंवैधानिक – प्रेम कुमार मणि

· फ़ेसबुक मामले में निलंबन पर राजनीति गरमायी

· ब्रिटेन में विजय पताका फ़हरायेंगे सुशील मोदी

· राजद की महिला नेताओं ने रमई राम को घेरा

इस हफ़्ते की अन्य खबरें

· बैंक से 6 लाख की लूट, रफ़ीगंज में लूटा गया पोस्ट आफ़िस

· जेपी जयंती पर विशेष रिपोर्ट – अभी भी उपेक्षित है जेपी का आशियाना

· जेपी की कहानी उनकी अंतिम कविता की जुबानी

बेहतरी के लिये मानव संसाधन विकास ही जरुरी – पी के शाही

पटना (अपना बिहार, 16 अक्टूबर 2011) – सूबे में तमाम अनुकूल परिस्थितियों एवं सरकार द्वारा उठाये जा रहे अनेक कदमों के बावजूद अभी भी मानव संसाधन विकास ही सूबे की बेहतरी का एकमात्र विकल्प है। ये बातें सूबे के मानव संसाधन विकास मंत्री पी के शाही ने नेशनल एच आर डी नेटवर्क के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय मानव संसाधन समागम का शुभारंभ करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि सूबे में प्रगति के कार्य जोरो पर हैं। औद्योगिक विकास के लिये पहल की जा रही है। लेकिन सूबे की सबसे बड़ी समस्या अकुशल आबादी की है। मानव संसाधन विकास विभाग का मंत्री होने के नाते उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर भी मानव संसाधन के सर्वांगीण विकास के लिये पहल किया है। शिक्षा का अधिकार कानून को लागू करने में होने वाली वित्तीय समस्याओं का जिक्र करते हुए श्री शाही ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य में अनेकों प्रयोग किये गये हैं। आगे पढें

 

Text Box: पटना (अपना बिहार, 16 अक्टूबर 2011) – जी हां, बिहार में महादलितों के तर्ज पर अब महासवर्ण की तैयारी की जा रही है। यानी सवर्ण समाज को दो भागों में विभाजित किये जाने की तैयारी चल रही है। विभाजन का यह आधार पूरी तरह आर्थिक है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूबे का सवर्ण आयोग अपना प्रथम अंतरिम प्रतिवेदन सौंपने की तैयारी में जूटा है। वैसे एक सच्चाई यह है कि 5 सदस्यीय आयोग ने अभी तक अपना कार्य करना शुरु भी नहीं किया है। कार्य करने के नाम पर अभीतक कुल 4 बैठकें हुई हैं। इन बैठकों में काम के नाम पर केवल रेडीमेड आंकड़ों की खोज की गई।  इन आंकड़ों के खोज के पीछे आयोग की मजबूरी यह है कि अभी तक सूबे में ऐसी कोई मान्यता प्राप्त रिपोर्ट नहीं है, जिसमें सवर्ण जातियों के आर्थिक स्थिति की समीक्षा की गई हो। जबकि आयोग की पहली जिम्मेवारी गरीब सवर्णों की पहचान करना और उनकी बेहतरी के लिये योजनाओं की अनुशंसा करनी है। अब इसे आयोग की मजबूरी कहें या फ़िर कार्य करने की अवैज्ञानिक नीति, आयोग पूरी तरह से एक रिपोर्ट पर आश्रित हो गया है। यह विशेष रिपोर्ट स्थानीय ए एन सिन्हा सामाजिक शोध एवं अध्ययन संस्थान द्वारा करीब 3 वर्ष पहले तैयार की गई थी। अब यदि इस रिपोर्ट के आंकड़ों को देखें तो जानकर हैरत होती है कि सूबे में केवल 36.9 फ़ीसदी लोग ही बीपीएल परिवार के दायरे में आते हैं।  हैरत इसलिये भी होती है कि राज्य सरकार द्वारा कई अवसरों पर यह सार्वजनिक किया जा चुका है कि सूबे में गरीब परिवारों की संख्या डेढ करोड़ है। यदि इस आंकड़े को सही मानें तो सूबे की 60-65 फ़ीसदी आबादी बीपीएल कहलाने का हक रखता है। जबकि संस्थान की रिपोर्ट सरकारी आंकड़ों के विपरीत है। विपरीत इसलिये कि रिपोर्ट के अनुसार 63.1 फ़ीसदी लोग बीपीएल की सीमा के बाहर हैं। यानि वे गरीब नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सूबे में 43.4 फ़ीसदी अनुसूचित जनजाति, 64.2 फ़ीसदी अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग 34.6 फ़ीसदी और 17.3 फ़ीसदी अन्य सामान्य जातियां यानी सवर्ण जाति के लोग गरीब हैं। जाहिर तौर पर सरकारी रिपोर्ट और संस्थान की रिपोर्ट में विरोधाभास है। इस विरोधाभास के बावजूद सूबे का सवर्ण आयोग इसी रिपोर्ट को आधार मानकर अपना प्रथम प्रतिवेदन समर्पित करने की तैयारी में जूटा है। मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और आने वाले दिनों में इसे सरकार को समर्पित भी किया जा सकता है। रिपोर्ट में सवर्णों की स्थिति के जिक्र के अलावे सवर्णों के कल्याण हेतु कुछ अनुशंसायें भी की जा रही हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब आंकड़े ही सही नहीं है तो फ़िर किस आधार पर योजनायें बनाई जा रही हैं और यदि अनुशंसित योजनाओं को अमल में लाया भी गया तो किसका कल्याण होगा, यह यक्ष प्रश्न ही है। सूबे में विभिन्न वर्गों की स्थिति(प्रतिशत में)   हाय रे गरीबी - बेटे के लिये बेटी को गिरवी रखा  जहानाबाद  – यह घटना घटित हुई है जहानाबाद के बेला वीरा गांव में। रुपान्ती देवी की त्रासदी यह रही कि पुलिस ने उसके बेटे शिवशंकर को चोरी के आरोप में गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया। गुलगुलिया समाज की रुपान्ती देवी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अदालत में अपने बेटे की पैरवी के लिये पैसे का जुगाड़ कर सके। बेटे के जेल चले जाने से रुपान्ती देवी के आय का श्रोत बंद हो गया और पूरा परिवार भूखों मरने लगा। इस बीच गरीबी के आजिज होकर रुपान्ती देवी ने अपनी पांच साल की बेटी अनमोल को एक व्यक्ति के यहां पांच हजार रुपये की खातिर गिरवी रख दिया। बहरहाल, रुपान्ती देवी का कहना है कि जब उसका बेटा जेल से बाहर आयेगा और पैसे कमायेगा तब वह अपनी बेटी को वापस छुड़ा लेगी।(साभार- हिन्दी दैनिक

नवल की पांच कवितायें

(1)

ठुंठे पेड़ के शिखर पर,

एक नया पीपल उग आया है,

पेड़ का ठुंठापन अब दूर हो गया है,

अखबारों ने ऐसा दावा किया है,

पेड़ की शिकायत है कि,

उसकी जड़ें अब उखड़ने लगी हैं।

(2)

गांव में दो मन्दिर है,

एक में लोग पूजा करते हैं,

दूसरे का इस्तेमाल बच्चे करते हैं,

लोगों का मन्दिर भव्य है,

आकर्षक है,

भारी चढावा भी जमा होता है,

बच्चों का मंदिर बदहाल है,

सुना है वहां,

निर्जीव मूर्दे नहीं रहते।

(3)

बीच सड़क कपड़ा बदलने,

अर्द्धनग्न हो स्नान करने,

सार्वजनिक रुप से हमबिस्तर होने वाली,

गरीब महिलायें अधिक इज्जतदार हैं,

उन महिलाओं से,

जो अट्टालिकाओं में,

रोज अपना पार्टनर बदलती हैं।

(4)

मरते समय उसने कहा था,

वह जिन्दगी का मुख चूमना चाहता है,

जिन्दगी उसके पास आयी,

लेकिन दरवाजे से ही लौट गई,

क्योंकि,

मरने वाले ने पहले ही मूंह फ़ेर लिया था।

(5)

इक्कीसवीं सदी के कुरुक्षेत्र में,

सारथि बने पार्थ,

महान धनुर्धर कृष्ण को,

धर्मयुद्ध की शिक्षा दे रहे हैं,

कृष्ण लाचार, पार्थ भी लाचार,

गीता भी अब असरकारक नहीं रही,

सुना है,

अब लड़ाई के मायने बदल गये हैं।

कुछ कही कुछ अनकही सी लगती है

दिन सूने रातें सूनीं,

ये जिन्दगी सूनी सूनी सी लगती है,

व्क्त की बेरहमी है,

कुछ कही कुछ अनकही सी लगती है।

इमारतों के पिछवाड़े ,

एक श्मशान और एक कब्रिस्तान भी है,

सुना है वहां आजकल,

बेचारी मौत भी बुझी बुझी सी रहती है।

जिन्दगी को युं ही प्यार करना,

आसान नहीं होता हरदम,

कभी कभी अपनों की,

पाक वफ़ा भी भीतरघात सी लगती है।

सुपूर्द-ए-खाक हो जाना मजबूरी है,

जीते जी जिनके लिये,

सुना है उनके टूटे कब्र में भी,

पेट में एक आग सी जलती है।

गढने वालों ने गढ दिये हैं,

नाटक में कुछ और अनजने किरदार,

अपनी हालत अब हाशिये पर,

सोई बेजान ठठरियों सी लगती है।

लोग कहते हैं सुबह के सपने,

अक्सर सच हो जाया करते हैं,

सपने टूटते हैं तो,

टूटने की आवाज कुछ अपनी सी लगती है।

नदी में बह रहा अथाह पानी,

अब जिनकी आंखों में उतर आया है,

जीवन जीना या फ़िर मर जाना,

सब एक ही बात सी लगती है।

"नवल" अच्छा है कि समय रहते,

तुमने कांटों से दोस्ती कर ली,

फ़ूलों के सहारे जिन्दगी,

कभी अपनी कभी बेगानी सी लगती है।

संपादकीय – निंदनीय है प्रशांत भूषण पर किया गया हमला

दो दिन पहले स्वयं को श्री राम सैनिक बताने वाले तीन युवकों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में अवस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के कक्ष में घुसकर उनके साथ मारपीट की। घटना निंदनीय है। निंदनीय इसलिये है कि श्री भूषण ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखी थी। विदित है कि कुछ दिनों पहले श्री भूषण ने वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराये जाने की बात कही थी। बताया जा रहा है कि श्री राम सैनिकों ने उनके इसी बयान के विरोध में उनके साथ मारपीट की। हालांकि अब ताजा हालात यह है कि टीम अन्ना के एक महत्वपूर्ण सदस्य किरण बेदी ने भी श्री भूषन के विचारों से स्वयं को अलग कर लिया है। ट्विटर पर लिखे अपने संदेश में इन्होंने स्पष्ट लिखा है कि उनके सहयोगी श्री भूषण पर किया गया हमला निंदनीय है और जहां तक जम्मू कश्मीर में जनमत संग्रह का सवाल है तो इस संबंध में व्यक्त किये गये विचार श्री भूषण के निजी विचार हैं। उधर अन्ना हजारे ने भी श्री भूषण पर हुए हमले की निंदा की। लेकिन इन्होंने जम्मू-कश्मीर के सवाल पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह महज संयोग नहीं है। वास्तविकता यह है कि श्री भूषण के बयान ने टीम अन्ना के सदस्यों के बीच आपसी खाई बढ गई है। वैसे हिसार में कांग्रेस की खिलाफ़ चुनावी मैदान में उतरने वाली टीम अन्ना की आलोचना भी टीम एक महत्वपूर्ण सदस्य संतोष हेगड़े ने किया है। ताजे हालातों के अनुसार टीम अन्ना की साख और अस्तित्व दोनों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक ओर आरएसएस के साथ रिश्ते उजागर होने से टीम अन्ना की हवा निकल चुकी है। वही प्रशांत भूषण के बयान से बहुसंख्यक हिन्दुओं में टीम अन्ना के प्रति विचारों में परिवर्तन आया है। वैसे सबसे बड़ा सवाल सिविल सोसायटी के लोगों के लिये है। यदि हिसार में कांग्रेस की जीत होती है तो निश्चित तौर पर सिविल सोसायटी को अपनी इज्जत गंवानी होगी। इसके अलावे जो सबसे बड़ा सवाल है, वह है देश में लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का। अब तो हालत यह हो गई है कि सुप्रीम कोर्ट के परिसर में भी प्रशांत भूषण जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता सुरक्षित नहीं हैं।

 

 

परम सौभाग्यक विषय थीक जे बिहार शताब्दी वर्ष में राज्य सरकार द्वारा मैथलीक लुप्तप्राय गीत एवं धुन केर दस्तावेजीकरणक स्वीकृति देल गेल। एहि दस्तावेज में मैथलीक विविध प्रकारक संस्कार गीत, व्यवहार गीत, ॠतु प्रधान गीत आ पाबनि तिहारक गीत भंडार सौं 50 अलग-अलग धुन में मिथिलाक लोक कण्ठ में रचल बसल किन्तु लुप्तप्राय गीत आ धुन के संकलन एमपीथ्री आ ओहि गीतक पुस्तिका प्रकाशित करबाक लक्ष्य निर्धारित अछि। ई दस्तावेज मिथिलाक भावी पीढीक लेल मैथिली गीत परंपराक बहूमूल्य धरोहर बनए तें सर्वोत्तम तैयारी हेतु गीत, आपन स्वर एवं संगीत संबंधी अपनेक सुझाव सादर आमंत्रित करै छी।

हृदय नारायण झा

कलाकार( मैथिली लोकगीत), आकाशवाणी, पटना

पता- सांस्कृतिक संवाददाता, "आज" हिन्दी दैनिक,

फ़्रेजर रोड, पटना,, मोबाइल नं- 9308765099, ईमेल –hridaysaroj26@gmail.com

महत्वपूर्ण संदेश

बिहार में आंकड़े भी झुठ बोलते हैं

विशेष रिपोर्ट – महादलित के तर्ज पर महासवर्ण की तैयारी, हरकत में आया सवर्ण आयोग

शिखर पर पहूंचा बिहार का विकास

पटना (अपना बिहार, 16 अक्टूबर 2011) – बिहार का जीडीपी दर 14.5 फ़ीसदी हो गया है। यह पूरे देश में सबसे अधिक है। दूसरे स्थान पर तामिलनाडु और तीसरे स्थान पर छत्तीसगढ काबिज हो गया है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार विकास के मामले में बिहार एक बार फ़िर सिरमौर हो गया है। सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रिपोर्ट पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सूबे का विकास अब स्थायित्व को प्राप्त करने लगा है। यदि विकास दर यही बना रहा तो वर्ष 2015 में बिहार विकसित राज्य की श्रेणी में आ जायेगा।


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